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इंडियन पैनल कोड की धारा 489

इंडियन पैनल कोड की धारा 489

इंडियन पैनल कोड की धारा 489

इंडियन पैनल कोड की धारा 489 ( क, ख, ग,घ,ड.) , नकली करेंसी से सम्बंधित मामलों के लिए

मुख्य बिंदु

*भारत में नकली करेंसी के आँकड़े ,नोटबन्दी के बाद के व नोटबन्दी से पूर्व के

नकली करेंसी से नुकसान :-

किसी भी देश की करेंसी उस देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव होती है लेकिन वहीं करेंसी अगर जाली( नकली,फेक) इस्तेमाल हो तो इससे देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। देश के अंदर काला धन बढ़ता है और यह धन अक्सर आतंकवाद को बढ़ावा देने या आपराधिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में भी प्रयोग किया जाता है। इसलिए जाली नोट बनाने व जानबूझकर इसे असली नोटे की तरह इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई होती।

नोटबन्दी से पूर्व जाली नोटों के आँकड़े

नोटबन्दी के बाद के आंकड़े –

इकॉनामिक्स टाइम्स के में प्रकाशित 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक – आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार फेक करेंसी का आंकड़ा मार्च 2018 के अंत में 80 .2 फीसदी था इसके अलावा 10,20 और 50 रुपये के नकली नोटों में 20 .2 फीसदी । 2017- 2018 में नकली नोटों में 121 फीसदी बढोत्तरी हुई है।

IPC धारा 489 धारा 489 ( क, ख, ग,घ,ड.) में परिभाएँ अलग है लेकिन सबमें दंड का प्रावधान एक जैसा है।

IPC धारा 489 (क)
अगर कोई भी व्यक्ति नकली नोट छापते हुए और बाज़ार में इसकी खपत करते हुए पकड़ा जाता है या 4 से अधिक जाली नोट मिलने पर कानूनी कार्रवाई होगी। जब व्यक्ति को पहले से ज्ञात हो कि वह नोट नकली है।

धारा के तहत दण्ड का प्रावधान :-
4 से अधिक जाली नोट जानबूझकर कर रखने और उन्हें असली नोटे के रूप में इस्तेमाल करने पर 1 साल का कारावास व जुर्माने का प्रावधान है।

धारा 489( ख) परिभाषा

धारा 489 ( ग) परिभाषा

धारा 489 क, ख, ग,घ,ड. के प्रयोजनों के लिए “बैंक नोट” पर उसके वाहक को मांग पर धन देने के लिए ऐसा वचनबद्ध या वचपत्र है जो किसी राज्य या संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न शक्ति द्वारा पर प्रचालित किया गया हो और जो धन के समतुल्य उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित हो।

सिविल और क्रिमिनल लॉ से सम्बंधित किसी भी प्रकार के मामले में कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए Legal Aid से सम्पर्क करें।

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